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UGC NET Teaching Aptitude को उपन्यास के रूप में समझें – चार शिक्षण स्तर की कहानी: Part 01

शिक्षक पथ – उपन्यास आधारित शिक्षण अभिवृत्ति

📘 शिक्षक पथ – एक शिक्षण यात्रा

रूपरेखा: यह उपन्यास उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए UGC NET की Teaching Aptitude यूनिट को एक जीवन्त कथा के माध्यम से प्रस्तुत करता है।

भाग 1: शिक्षण के चार स्तर – एक रेखा से पर्वत तक

प्रकरण: गुरुमा वेदवती और आरव की पहली भेंट

ज्ञानपुर विश्वविद्यालय के सबसे पुराने सभागार में, धूप की किरणें खिड़की से छनकर फर्श पर गिर रही थीं। वहीं बैठा था आरव — एक युवा, जो शिक्षक बनने की राह पर था।

कक्षा में प्रवेश करते ही गुरुमा वेदवती ने पूछा, “आरव, शिक्षण क्या है?”

वह बोला, “ज्ञान देना, गुरुमाँ।”

गुरुमा मुस्कराईं और कहा — “आओ, मैं तुम्हें शिक्षण के चार पर्वत दिखाती हूँ। हर शिक्षक को इनसे गुजरना होता है।”

🔹 1. स्मृति स्तर (Memory Level of Teaching)

यह पहला और सबसे बुनियादी चरण है। इसमें विद्यार्थी तथ्यों, परिभाषाओं और दिनांक को याद करता है। यह Herbart और Bloom की अवधारणाओं पर आधारित है।

“यदि तुम्हें 'त्रिभुज के गुण' याद हैं, पर कारण नहीं — तो तुम स्मृति स्तर पर हो।” – गुरुमा
  • 🔸 उदाहरण: “1857 की क्रांति कब हुई?”
  • 🔸 “राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है?”
UGC NET प्रश्न: स्मृति स्तर का उद्देश्य क्या है?
(A) तथ्यों को दोहराना
(B) विश्लेषण करना
(C) निर्णय लेना
उत्तर: (A)
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🔹 2. अवबोध स्तर (Understanding Level)

यह स्तर छात्रों को कारण और संबंध समझने में मदद करता है। Herbart की पाँच चरण प्रक्रिया इसी में आती है: तैयारी, प्रस्तुति, तुलना, सामान्यीकरण, प्रयोग।

उदाहरण: शिक्षक- वर्ग का क्षेत्रफल बताता है और फिर छात्रों को यह सोचने देता है कि क्यों वर्ग में दोनों भुजाएँ समान होती हैं।

UGC NET प्रश्न: Herbart की शिक्षण प्रक्रिया का तीसरा चरण क्या है?
उत्तर: तुलना (Comparison)

🔹 3. चिंतन स्तर (Reflective Level)

यह सबसे महत्वपूर्ण स्तर है। इसमें छात्र सोचता है, समस्या हल करता है, तर्क करता है। इसे Hunt ने प्रतिपादित किया।

उदाहरण: “यदि विद्यालय में तकनीक नहीं हो, तो वैकल्पिक शिक्षण विधियाँ क्या हो सकती हैं?” – छात्र विचार करते हैं, चर्चा करते हैं, निष्कर्ष निकालते हैं।
UGC NET प्रश्न: चिंतन स्तर में प्रमुख क्रिया क्या होती है?
(A) तथ्य दोहराना
(B) तर्क और विश्लेषण
उत्तर: (B)

🔹 4. स्वायत्त स्तर (Autonomous Level)

यह अंतिम और सबसे दुर्लभ स्तर है जहाँ छात्र स्वयं-निर्देशित अधिगम करता है। इसमें न शिक्षक की उपस्थिति ज़रूरी होती है, न पाठ्यक्रम की बंधन।

“जब छात्र स्वयं पाठ्यक्रम बनाता है, तब वह एक शोधार्थी होता है।” – गुरुमा
  • 🔸 SWAYAM और MOOCs के छात्र अक्सर इस स्तर पर होते हैं।
  • 🔸 PhD शोधार्थी भी इसी श्रेणी में आते हैं।
UGC NET प्रश्न: Autonomous Learning का मुख्य लक्षण क्या है?
उत्तर: Self-direction (स्व-निर्देशन)

📘 अंत में...

गुरुमा ने चारों दीपक बुझाए और कहा –

“स्मृति से स्वायत्तता तक की यात्रा ही शिक्षण का पथ है। शिक्षक वही सच्चा होता है, जो छात्रों को इस यात्रा में मार्गदर्शन दे।”
– गुरुमा वेदवती

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