बौद्ध धर्म अपनाने वालों को अनुसूचित जाति की मान्यता - छत्तीसगढ़ शासन आदेश 2017
ये भी पढ़ेंप्रकाशन तिथि: 19 जनवरी, 2017
छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश अनुसार, अनुसूचित जाति (SC) के वे लोग जिन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया है, उन्हें भी अनुसूचित जाति की सभी सुविधाएं और अधिकार दिए जाएंगे।
मुख्य बिंदु:
- भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिनांक 20.11.1990 को स्पष्ट किया गया कि अनुसूचित जाति के सदस्य यदि हिंदू/सिख/बौद्ध धर्म अपनाते हैं तो उन्हें अनुसूचित जाति में ही माना जाएगा।
- इस निर्देश को छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने राज्य में लागू किया है।
- इसका अर्थ है कि SC सूची में सम्मिलित जातियों के वे सदस्य जिन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया हो, वे SC प्रमाण पत्र पाने के पात्र हैं।
- उन्हें सभी आरक्षण और अन्य संवैधानिक सुविधाएं यथावत प्राप्त होंगी।
- सभी कलेक्टरों को आदेश दिया गया है कि जाति प्रमाण पत्र जारी करते समय इस शासन निर्देश का पालन सुनिश्चित करें।
प्रमुख संदर्भ:
- भारत सरकार का पत्र क्रमांक 12016/28/90-SCD (R.L.Cell) दिनांक 20.11.1990
- छत्तीसगढ़ शासन का परिपत्र क्रमांक एफ 7-2-94-1-आ.प्र. दिनांक 04.03.1994
- नया आदेश पत्र क्रमांक एफ 13-7/2016/आ.प्र./1-3 दिनांक 19/01/2017
यह आदेश बौद्ध धर्म को अपनाने वाले अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम है। यह सामाजिक समरसता और संवैधानिक अधिकारों के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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लेखक: लोक अधिकार न्यूज़ टीम
स्रोत: छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग
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