Home Ad

UGC NET Teaching Aptitude: शिक्षण विधियाँ, ICT और प्रविधियाँ – एक उपन्यास कथा Part 03

शिक्षण की यात्रा – अध्याय 3: शिक्षण विधियाँ, प्रविधियाँ और ICT

📘 शिक्षण की यात्रा – अध्याय 3: विधियाँ, प्रविधियाँ और ICT

कथासार: यह अध्याय एक युवा शिक्षक आरव की जिज्ञासु यात्रा का अगला चरण है, जहाँ वह विभिन्न शिक्षण विधियों, ICT आधारित शिक्षण और आगमनात्मक-निगमनात्मक तकनीकों को गुरुमा वेदवती और कक्षा के अनुभवों से सीखता है।

🔹 1. शिक्षक केंद्रित विधियाँ (Teacher-Centered Methods)

अर्थ:

वह विधियाँ जहाँ शिक्षक प्रमुख भूमिका में होता है और शिक्षण गतिविधियों को नियंत्रित करता है।

विशेषताएँ:
  • शिक्षक निर्देश देता है
  • छात्र निष्क्रिय श्रोता होते हैं
  • समय और विषय की योजना शिक्षक के अनुसार
प्रकार:
  • Lecture Method & Demonstration
  • Direct Instruction
  • Demonstration Method
  • Question-and-Answer
  • Recitation
  • Drill and Practice, Presentation
  • Team Teaching
  • Tutorial, Panel Discussion,
  • Interactive sessions, Assignment etc.
चरण:
  • उद्देश्य निर्धारण → विषय प्रस्तुति → निष्कर्ष
सिद्धांत:

Behaviorism पर आधारित – शिक्षक का नियंत्रण और निर्देश प्रमुख होता है।

उदाहरण:

आरव ने स्वतंत्रता आंदोलन पर व्याख्यान दिया – छात्र केवल नोट्स ले रहे थे।

🔹 2. छात्र केंद्रित विधियाँ (Learner-Centered Methods)

अर्थ:

ऐसी विधियाँ जहाँ छात्र सक्रिय भूमिका निभाता है और सीखने की प्रक्रिया का केंद्र होता है।

विशेषताएँ:
  • छात्र स्वतंत्र रूप से सीखते हैं
  • टीचर केवल मार्गदर्शक होता है
प्रकार:
  • Discussion, Project, Problem-solving
चरण:
  • समस्या प्रस्तुत → विचार मंथन → समाधान प्रस्तुति
सिद्धांत:

Constructivism – अधिगम का निर्माण छात्र स्वयं करता है।

उदाहरण:

छात्रों ने समूह में प्लास्टिक प्रदूषण पर पोस्टर और प्रस्तुति तैयार की।

🔹 3. अनुदेशन विधियाँ (Instructional Methods)

अर्थ:

ऐसी विधियाँ जिनमें दृश्य-श्रव्य सामग्री, मॉडल, चार्ट आदि का प्रयोग होता है।

विशेषताएँ:
  • सीखने में रुचि बढ़ती है
  • अमूर्त विषयों को दृश्य रूप में समझाया जाता है
प्रकार:
  • Audio-Visual, PPT, Models
चरण:
  • सामग्री चयन → प्रस्तुति → चर्चा
सिद्धांत:

Multi-sensory learning पर आधारित

उदाहरण:

विज्ञान शिक्षक ने 3D मॉडल से ज्वालामुखी की रचना समझाई।

📘ध्यान दें:

UGC NET Teaching Aptitude की Bloom's Taxonomy और शिक्षण सिद्धांतों को पढ़िए एक उपन्यास शैली में! यह भाग 02 आपको ज्ञान के छह स्तरों और उनकी शिक्षण रणनीतियों की कहानी के माध्यम से समझाता है।

📖 पढ़ें: Teaching Aptitude – Bloom's Taxonomy Part 02

🔹 4. आगमनात्मक विधि (Inductive Method)

अर्थ:

छात्र पहले उदाहरणों को देखता है, फिर स्वयं नियम या निष्कर्ष निकालता है।

विशेषताएँ:
  • छात्र की भागीदारी
  • निष्कर्ष का स्वतः निर्माण
प्रकार:
  • विशेष से सामान्य की ओर
चरण:
  • उदाहरण → विश्लेषण → नियम
सिद्धांत:

Discovery Learning (Jerome Bruner)

उदाहरण:

छात्रों को पहले भिन्न भिन्न जोड़ों की संख्याएँ दी गईं, फिर उन्होंने खुद निष्कर्ष निकाला कि “दो सम संख्याएँ जोड़ने पर उत्तर सम होता है।”

🔹 5. निगमनात्मक विधि (Deductive Method)

अर्थ:

पहले नियम बताया जाता है, फिर उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया जाता है।

विशेषताएँ:
  • तेज़ परिणाम
  • सामान्य से विशेष की ओर
प्रकार:
  • थ्योरी → उदाहरण → अभ्यास
चरण:
  • सिद्धांत → प्रयोग → समाधान
सिद्धांत:

Logical Reasoning आधारित

उदाहरण:

गणित में पहले गुणा का सूत्र बताया गया, फिर उस पर आधारित प्रश्न हल कराए गए।

🔹 6. ICT आधारित शिक्षण

अर्थ:

Information and Communication Technology का प्रयोग कर शिक्षण करना।

विशेषताएँ:
  • कहीं भी, कभी भी अधिगम
  • ऑडियो-वीडियो, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म
प्रकार:
  • SWAYAM, MOOCs, Zoom, LMS
चरण:
  • प्लानिंग → कंटेंट डिलीवरी → एक्टिविटी → मूल्यांकन
सिद्धांत:

Connectivism – डिजिटल युग में अधिगम

उदाहरण:

आरव ने SWAYAM पर एक कोर्स पूरा किया और Google Classroom में प्रश्नोत्तरी ली।

UGC NET Super Offer

🔥 FREE for Limited Time

🎥 103 Live Classes | 📝 Free Lecture Notes

💡 All Units 01 to 10 Covered

📚 UGC NET Paper 1 Online Course

103+ Live Sessions with Experts
PDF Notes Downloadable
Hindi-English Bilingual Format
✅ Unit-wise Expert Guidance – Teaching Aptitude to Higher Education

₹10 – Join Now

🎓 Enroll Free Now
💥 Super Deal

🔹 7. शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया

अर्थ:

वह प्रक्रिया जिससे अधिगम घटित होता है — इनपुट से लेकर आउटपुट तक।

विशेषताएँ:
  • सतत प्रक्रिया
  • फीडबैक पर आधारित सुधार
प्रकार:
  • Teacher → Learner → Feedback
चरण:
  • उद्देश्य → शिक्षण → प्रतिक्रिया → मूल्यांकन
सिद्धांत:

Interactionist Model of Teaching

उदाहरण:

आरव ने छात्रों की समझ के अनुसार अपनी योजना बदली और उनसे प्राप्त फीडबैक के आधार पर सुधार किया।

Post a Comment

0 Comments