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UGC NET अनुसंधान अभिवृत्ति भाग 02: परिकल्पना, अनुसंधान समस्या और दृष्टिकोण (Positivism vs Post-Positivism) की उपन्यास कथा

अनुसंधान की उपन्यास कथा – भाग 02

📖 अनुसंधान की उपन्यास कथा – भाग 02

🔬 विषय: अनुसंधान प्रक्रिया, समस्या, परिकल्पना और दृष्टिकोण की गहराई

पिछली मुलाक़ात के बाद अन्वेषा पूरी तरह से तैयार थी अपनी शोध यात्रा को अगले चरण में ले जाने के लिए। वह एक फाइल लेकर प्रोफेसर तर्कबुद्ध के कमरे में पहुँची।

📚 अन्वेषा: "सर, अब तो अनुसंधान की समझ अच्छी हो गई है। लेकिन कैसे शुरू करूं, क्या चरण हैं? और परिकल्पना क्या होती है?"
📘 प्रो. तर्कबुद्ध: "बहुत अच्छा प्रश्न! आओ, चलते हैं अनुसंधान प्रक्रिया की घाटी में, जहाँ हर चरण एक पड़ाव है।"

📌 अनुसंधान की प्रक्रिया (Steps of Research)

  • 1. समस्या की पहचान (Identification of Research Problem) – सबसे पहले एक ऐसी समस्या चुनो जो तुम्हारे क्षेत्र से जुड़ी हो।
  • 2. साहित्य समीक्षा (Review of Literature) – देखो कि उस विषय पर पहले क्या काम हुआ है।
  • 3. उद्देश्य और प्रश्न (Objectives and Research Questions) – क्या जानना है, किससे जानना है?
  • 4. परिकल्पना (Hypothesis) – संभावित उत्तर जो परीक्षण योग्य हों।
  • 5. अनुसंधान की योजना (Research Design) – डेटा कहाँ से और कैसे मिलेगा, कौन से उपकरण इस्तेमाल होंगे।
  • 6. डेटा संग्रहण (Data Collection)
  • 7. विश्लेषण (Data Analysis)
  • 8. निष्कर्ष और सुझाव (Findings and Recommendations)

🔎 परिकल्पना (Hypothesis)

यह एक पूर्वानुमान है, जिसे शोध के माध्यम से जांचा जाता है।

  • शून्य परिकल्पना (Null Hypothesis) – कोई संबंध नहीं है।
  • वैकल्पिक परिकल्पना (Alternative Hypothesis) – कोई न कोई संबंध या प्रभाव है।
"यदि आप यह मानते हैं कि मोबाइल का उपयोग छात्रों के एकाग्रता स्तर को प्रभावित करता है, तो यही आपकी परिकल्पना है।"

🎯 अनुसंधान समस्या का चयन (Research Problem)

शोध की पहली सीढ़ी है – उचित और शोध योग्य समस्या का चयन। यह या तो सामाजिक, शैक्षिक, तकनीकी या सांस्कृतिक हो सकती है।

🔭 दृष्टिकोण – Positivism vs Post-Positivism (विशेष विस्तार)

प्रोफेसर तर्कबुद्ध ने बोर्ड पर दो नाम लिखे –

📕 Positivism:
  • अर्थ: यह मान्यता कि ज्ञान केवल अनुभवजन्य (empirical), तर्कसंगत और मापन योग्य तथ्यों से प्राप्त होता है।
  • विशेषताएँ: वस्तुनिष्ठता (objectivity), गणनात्मकता, प्रयोगशाला-आधारित अनुसंधान, परिकल्पना परीक्षण।
  • प्रकार: प्रयोगात्मक अनुसंधान, मात्रात्मक सर्वेक्षण।
  • चरण: परिकल्पना बनाना → डेटा एकत्र करना → विश्लेषण करना → निष्कर्ष निकालना।
  • उदाहरण: “क्या परीक्षा में सफल छात्रों की औसत उपस्थिति 75% से अधिक होती है?” – इसे आँकड़ों द्वारा जांचा जा सकता है।
📘 Post-Positivism:
  • अर्थ: यह मान्यता कि पूर्ण वस्तुनिष्ठता संभव नहीं है, शोधकर्ता की मानवीय सीमाएँ होती हैं।
  • विशेषताएँ: संदर्भ-संवेदी, व्याख्यात्मक, गुणात्मक दृष्टिकोण, बहु-स्रोतों से जानकारी।
  • प्रकार: केस स्टडी, फेनोमेनोलॉजी, एथनोग्राफी।
  • चरण: अनुभव एकत्र करना → विषय की व्याख्या करना → थीम की पहचान → निष्कर्ष की अभिव्यक्ति।
  • उदाहरण: “विद्यार्थी परीक्षा में तनाव क्यों महसूस करते हैं?” – इसका उत्तर अनुभवों और साक्षात्कार से ही समझा जा सकता है।
🔄 मिश्रित दृष्टिकोण: आधुनिक अनुसंधान में इन दोनों दृष्टिकोणों का संतुलन – "Mixed Method Research" – अधिक व्यावहारिक माना जाता है।

📚 "एक सफल शोध वही होता है, जो अपने उद्देश्य को समझे और विधियों को खुले मन से अपनाए।"

📖 अगले भाग में: डेटा संग्रहण, टूल्स, और सैंपलिंग की रहस्यमयी दुनिया

Read: 📚UGC NET Research Aptitude Part 01: अनुसंधान का अर्थ, प्रकार और विशेषताएँ – एक उपन्यास कथ https://locrights-23.blogspot.com/2025/06/ugc-net-research-aptitude-part-01.html

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