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Carlill v. Carbolic Smoke Ball – General Offer Explained: Civil Judge Exam 2025

भारतीय संविदा अधिनियम 1872 - केस 02
केस 02: Carlill v. Carbolic Smoke Ball Co. (1893)
तथ्य:

Carbolic Smoke Ball Company ने विज्ञापन दिया कि जो व्यक्ति उनका धुआं वाला बॉल उपयोग करेगा और फिर भी फ्लू से ग्रसित होगा, उसे £100 दिए जाएंगे। कंपनी ने कहा कि उसने बैंक में £1000 जमा कर दिए हैं यह दिखाने के लिए कि वह गंभीर है। Carlill ने Smoke Ball उपयोग किया और बीमार पड़ीं, फिर दावा किया। कंपनी ने पैसे देने से मना कर दिया।

विवाद:

क्या यह विज्ञापन एक कानूनी प्रस्ताव था और क्या Mrs. Carlill का कार्य उसे स्वीकृति माना जाएगा?

निर्णय:

न्यायालय ने कहा कि यह एक यूनिलैटरल (एकपक्षीय) प्रस्ताव था, जो विश्वसनीय था, और उसे Carlill द्वारा पूरा किया गया। इसलिए यह वैध संविदा है।

विधि द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत:

सार्वजनिक प्रस्ताव (General Offer) किया जा सकता है और यदि कोई व्यक्ति उसे ज्ञात होने के बाद पूरा करता है, तो वह एक संविदा बन जाती है। यह प्रस्ताव, स्वीकृति और मंशा से संविदा सिद्ध करता है।

उपयोगिता:

यह केस उन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो प्रस्ताव, स्वीकृति, और यूनिलैटरल संविदाओं को समझना चाहते हैं। यह प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछा जाता है।

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