📘 सम्पत्ति अंतरण अधिनियम MCQs - सिविल जज परीक्षा
प्रश्न 1: एक जमींदार ने एक नर्तकी से करार किया कि उसके उत्तराधिकारी और वह हर माह ₹100 उस नर्तकी को एवं उसके उत्तराधिकारियों को भरण-पोषण के लिए प्रदान करते रहेंगे। इस नर्तकी के उत्तराधिकारियों में से किसी एक ने जमींदार के उत्तराधिकारी के विरुद्ध भरण-पोषण का वाद प्रस्तुत किया। ऐसा करार –
उत्तर: (d) उपरोक्त में से कोई भी कथन सत्य नहीं है
व्याख्या: ऐसा करार वैध अंतरण की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि यह एक व्यक्तिगत दायित्व है। इस प्रकार का करार उत्तराधिकारियों पर बाध्यकारी नहीं होता।
व्याख्या: ऐसा करार वैध अंतरण की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि यह एक व्यक्तिगत दायित्व है। इस प्रकार का करार उत्तराधिकारियों पर बाध्यकारी नहीं होता।
प्रश्न 2: कम्पनी अपनी सम्पत्ति का अंतरण नहीं कर सकती - यह कथन:
उत्तर: (a) सही है
व्याख्या: धारा 5 के अनुसार "जीवित व्यक्ति" में कम्पनी, संगम या व्यक्तियों का निकाय सम्मिलित है, लेकिन कम्पनी स्वयं से बिना प्रक्रिया के संपत्ति का अंतरण नहीं कर सकती।
व्याख्या: धारा 5 के अनुसार "जीवित व्यक्ति" में कम्पनी, संगम या व्यक्तियों का निकाय सम्मिलित है, लेकिन कम्पनी स्वयं से बिना प्रक्रिया के संपत्ति का अंतरण नहीं कर सकती।
प्रश्न 3: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
उत्तर: (d)
व्याख्या: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम केवल जीवित व्यक्तियों के मध्य संपत्ति के अंतरण को मान्यता देता है। मृत्यु के पश्चात प्रवर्तित अंतरण वसीयत द्वारा होता है, न कि इस अधिनियम के अंतर्गत।
व्याख्या: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम केवल जीवित व्यक्तियों के मध्य संपत्ति के अंतरण को मान्यता देता है। मृत्यु के पश्चात प्रवर्तित अंतरण वसीयत द्वारा होता है, न कि इस अधिनियम के अंतर्गत।
प्रश्न 4: 'सम्पत्ति के अन्तरण' के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
उत्तर: (d)
व्याख्या: धारा 5 के अनुसार व्यक्ति स्वयं को और अन्य को भी संपत्ति हस्तांतरित कर सकता है। अतः (d) कथन गलत है।
व्याख्या: धारा 5 के अनुसार व्यक्ति स्वयं को और अन्य को भी संपत्ति हस्तांतरित कर सकता है। अतः (d) कथन गलत है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा विषय सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम से सम्बन्धित है?
उत्तर: (d) ये सभी
व्याख्या: धारा 5 एवं 105 के अनुसार विक्रय, बंधक तथा पट्टा तीनों ही सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम के अंतर्गत आते हैं।
व्याख्या: धारा 5 एवं 105 के अनुसार विक्रय, बंधक तथा पट्टा तीनों ही सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम के अंतर्गत आते हैं।
प्रश्न 6: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धाराएँ 5 से 37 निम्नलिखित में से किस पर लागू होती हैं?
उत्तर: (c)
व्याख्या: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की धाराएँ 5 से 37, जंगम और स्थावर दोनों प्रकार की सम्पत्तियों के अंतरण पर लागू होती हैं, जबकि धारा 38 से 53A केवल स्थावर सम्पत्ति के लिए है।
व्याख्या: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की धाराएँ 5 से 37, जंगम और स्थावर दोनों प्रकार की सम्पत्तियों के अंतरण पर लागू होती हैं, जबकि धारा 38 से 53A केवल स्थावर सम्पत्ति के लिए है।
प्रश्न 7: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की निम्न में से कौन-सी धारा 'सम्पत्ति अन्तरण' को परिभाषित करती है?
उत्तर: (c)
व्याख्या: धारा 5 में 'सम्पत्ति के अन्तरण' की परिभाषा दी गई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि यह एक जीवित व्यक्ति द्वारा दूसरे को वर्तमान या भविष्य में सम्पत्ति हस्तांतरित करने का कार्य है।
व्याख्या: धारा 5 में 'सम्पत्ति के अन्तरण' की परिभाषा दी गई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि यह एक जीवित व्यक्ति द्वारा दूसरे को वर्तमान या भविष्य में सम्पत्ति हस्तांतरित करने का कार्य है।
प्रश्न 8: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 5 के अन्तर्गत "जीवित व्यक्ति" के अन्तर्गत निम्न में से क्या आता है?
उत्तर: (d)
व्याख्या: धारा 5 के अनुसार "जीवित व्यक्ति" में कम्पनी, संगम तथा व्यक्तियों का निकाय (incorporated या unincorporated) सम्मिलित होता है।
व्याख्या: धारा 5 के अनुसार "जीवित व्यक्ति" में कम्पनी, संगम तथा व्यक्तियों का निकाय (incorporated या unincorporated) सम्मिलित होता है।
प्रश्न 9: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम का कोई संबंध नहीं होता-
उत्तर: (d)
व्याख्या: धारा 6 के अनुसार वायु, जल, प्रकाश आदि ‘Res Communes’ माने जाते हैं, जिनका अंतरण संभव नहीं होता क्योंकि ये सबकी सामान्य संपत्ति मानी जाती हैं।
व्याख्या: धारा 6 के अनुसार वायु, जल, प्रकाश आदि ‘Res Communes’ माने जाते हैं, जिनका अंतरण संभव नहीं होता क्योंकि ये सबकी सामान्य संपत्ति मानी जाती हैं।
प्रश्न 10: सम्पत्ति के अंतरण का संबंध नहीं है:
उत्तर: (d)
व्याख्या: धारा 6 में उल्लिखित अपवादों के अनुसार हवा, पानी, प्रकाश जैसे प्राकृतिक तत्वों का अंतरण नहीं किया जा सकता।
व्याख्या: धारा 6 में उल्लिखित अपवादों के अनुसार हवा, पानी, प्रकाश जैसे प्राकृतिक तत्वों का अंतरण नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 11: किसका अन्तरण नहीं किया जा सकता?
उत्तर: (a)
व्याख्या: केवल दावा करने का अधिकार एक प्रत्याशा है, संपत्ति नहीं। इसलिए यह अंतरणीय नहीं माना जाता जबकि अन्य विकल्पों में हित विद्यमान होते हैं।
व्याख्या: केवल दावा करने का अधिकार एक प्रत्याशा है, संपत्ति नहीं। इसलिए यह अंतरणीय नहीं माना जाता जबकि अन्य विकल्पों में हित विद्यमान होते हैं।
प्रश्न 12: अधोलिखित में से किस सम्पत्ति का अन्तरण नहीं किया जा सकता है?
उत्तर: (c)
व्याख्या: धारा 6 के अनुसार भविष्य निर्वाह भत्ता का अधिकार व्यक्तिगत और मानवाधिकार की प्रकृति का होता है, इसलिए यह अंतरणीय नहीं होता।
व्याख्या: धारा 6 के अनुसार भविष्य निर्वाह भत्ता का अधिकार व्यक्तिगत और मानवाधिकार की प्रकृति का होता है, इसलिए यह अंतरणीय नहीं होता।
प्रश्न 13: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 के अंतर्गत क्या अन्तरित किया जा सकता है?
उत्तर: (a)
व्याख्या: अधिष्ठायी स्थल से संबंधित सुखाचार (easement) का अंतरण उस स्थल के साथ किया जा सकता है। अन्य सभी विकल्प अंतरणीय नहीं हैं क्योंकि वे व्यक्तिगत लाभ की प्रकृति के होते हैं।
व्याख्या: अधिष्ठायी स्थल से संबंधित सुखाचार (easement) का अंतरण उस स्थल के साथ किया जा सकता है। अन्य सभी विकल्प अंतरणीय नहीं हैं क्योंकि वे व्यक्तिगत लाभ की प्रकृति के होते हैं।
प्रश्न 14: भावी भरण-पोषण का अधिकार चाहे वह किसी भी रीति से उद्भूत प्रतिभूत या अवधारित हो –
उत्तर: (b)
व्याख्या: धारा 6 के अनुसार, भावी भरण-पोषण का अधिकार व्यक्तिगत एवं सामाजिक दृष्टिकोण से संरक्षित अधिकार है, अतः इसे अंतरण नहीं किया जा सकता।
व्याख्या: धारा 6 के अनुसार, भावी भरण-पोषण का अधिकार व्यक्तिगत एवं सामाजिक दृष्टिकोण से संरक्षित अधिकार है, अतः इसे अंतरण नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
उत्तर: (c)
व्याख्या: सुखाचार (easement) केवल अधिष्ठायी स्थल के साथ ही अंतरित किया जा सकता है, पृथक रूप से नहीं।
व्याख्या: सुखाचार (easement) केवल अधिष्ठायी स्थल के साथ ही अंतरित किया जा सकता है, पृथक रूप से नहीं।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में कौन अन्तरणीय नहीं है?
उत्तर: (c)
व्याख्या: उत्तराधिकार की संभावना पर आधारित हित सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 6 के तहत अंतरणीय नहीं है।
व्याख्या: उत्तराधिकार की संभावना पर आधारित हित सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 6 के तहत अंतरणीय नहीं है।
प्रश्न 17: कौन-सी सम्पत्ति अन्तरित की जा सकती है?
उत्तर: (c)
व्याख्या: सम्पत्ति का अंतरण किया जा सकता है यदि वह विधि द्वारा वर्जित न हो — धारा 6 के अनुसार।
व्याख्या: सम्पत्ति का अंतरण किया जा सकता है यदि वह विधि द्वारा वर्जित न हो — धारा 6 के अनुसार।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौनसी सम्पत्ति अंतरित की जा सकेगी?
उत्तर: (c)
व्याख्या: अचल सम्पत्ति अंतरणीय है जबकि अन्य विकल्प धारा 6 के अपवाद में आते हैं।
व्याख्या: अचल सम्पत्ति अंतरणीय है जबकि अन्य विकल्प धारा 6 के अपवाद में आते हैं।
प्रश्न 19: क्या अन्तरित किया जा सकेगा?
उत्तर: (c)
व्याख्या: केवल संपत्ति के स्वामी को पुनः प्रवेश का अधिकार अंतरित किया जा सकता है।
व्याख्या: केवल संपत्ति के स्वामी को पुनः प्रवेश का अधिकार अंतरित किया जा सकता है।
प्रश्न 20: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम, 1882 के अन्तर्गत:
उत्तर: (b)
व्याख्या: धारा 6(च) के अनुसार लोक अधिकारी का वेतन अंतरण योग्य नहीं है।
व्याख्या: धारा 6(च) के अनुसार लोक अधिकारी का वेतन अंतरण योग्य नहीं है।
प्रश्न 21: यह सिद्धांत कि जहां एक व्यक्ति ने व्यपदेशन करते हुए कि उसका वर्तमान हित है, उस संपत्ति को अंतरित करता है, प्रतिपादित किया गया था:
उत्तर: (c)
व्याख्या: यह AIR 1962 का निर्णय धारा 6(क) और धारा 43 के अंतर को स्पष्ट करता है।
व्याख्या: यह AIR 1962 का निर्णय धारा 6(क) और धारा 43 के अंतर को स्पष्ट करता है।
प्रश्न 22: सम्पत्ति का अन्तरण करने के लिए आवश्यक नहीं है कि:
उत्तर: (d)
व्याख्या: यदि व्यक्ति को विधिक प्राधिकरण प्राप्त है तो वह दूसरों की सम्पत्ति भी अन्तरित कर सकता है।
व्याख्या: यदि व्यक्ति को विधिक प्राधिकरण प्राप्त है तो वह दूसरों की सम्पत्ति भी अन्तरित कर सकता है।
प्रश्न 23: अपनी सम्पत्ति को अंतरित करने में कौन सक्षम नहीं है?
उत्तर: (c)
व्याख्या: अवयस्क व्यक्ति संविदा करने में अक्षम होता है, अतः वह सम्पत्ति का वैध अंतरण नहीं कर सकता।
व्याख्या: अवयस्क व्यक्ति संविदा करने में अक्षम होता है, अतः वह सम्पत्ति का वैध अंतरण नहीं कर सकता।
प्रश्न 24: सम्पत्ति के वैध अन्तरण हेतु कौन-सा तत्त्व आवश्यक नहीं है?
उत्तर: (c)
व्याख्या: धारा 7 और 6 के अनुसार अंतरिती का सक्षम होना आवश्यक नहीं, जब तक कि अन्य शर्तें पूरी हों।
व्याख्या: धारा 7 और 6 के अनुसार अंतरिती का सक्षम होना आवश्यक नहीं, जब तक कि अन्य शर्तें पूरी हों।
प्रश्न 25: विधि द्वारा अपेक्षित लेख के सिवाय सम्पत्ति का अंतरण मौखिक भी किया जा सकता है:
उत्तर: (b)
व्याख्या: धारा 9 के अनुसार जहां लेख अपेक्षित नहीं है, वहां मौखिक रूप से भी संपत्ति का अंतरण किया जा सकता है।
व्याख्या: धारा 9 के अनुसार जहां लेख अपेक्षित नहीं है, वहां मौखिक रूप से भी संपत्ति का अंतरण किया जा सकता है।
प्रश्न 26: क्या अजन्मे व्यक्ति के पक्ष में अंतरण किया जा सकता है?
उत्तर: (a)
व्याख्या: धारा 13 के अनुसार अजन्मे व्यक्ति को सीधे संपत्ति नहीं दी जा सकती, परंतु ट्रस्ट बनाकर दिया जा सकता है।
व्याख्या: धारा 13 के अनुसार अजन्मे व्यक्ति को सीधे संपत्ति नहीं दी जा सकती, परंतु ट्रस्ट बनाकर दिया जा सकता है।
प्रश्न 27: अजात व्यक्ति के पक्ष में हित सृजित करने के लिए निम्नलिखित में कौन आवश्यक है?
उत्तर: (d)
व्याख्या: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 13 के अनुसार, उपरोक्त तीनों शर्तों की पूर्ति होने पर ही अजात व्यक्ति के पक्ष में हित सृजित किया जा सकता है।
व्याख्या: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 13 के अनुसार, उपरोक्त तीनों शर्तों की पूर्ति होने पर ही अजात व्यक्ति के पक्ष में हित सृजित किया जा सकता है।
प्रश्न 28: अजन्मा व्यक्ति अपने लाभ के लिये किये गये अंतरण पर निहित हित अर्जित करता है:
उत्तर: (a)
व्याख्या: धारा 20 के अनुसार, अजन्मा व्यक्ति अपने जन्म के साथ ही निहित हित अर्जित करता है।
व्याख्या: धारा 20 के अनुसार, अजन्मा व्यक्ति अपने जन्म के साथ ही निहित हित अर्जित करता है।
प्रश्न 29: अजन्मा व्यक्ति अन्तरण पर निहित हित कब अर्जित करता है?
उत्तर: (a)
व्याख्या: धारा 20 के अनुसार, अजन्मा व्यक्ति अपने फायदे के लिए किये गये अंतरण पर जन्म लेते ही निहित हित प्राप्त करता है।
व्याख्या: धारा 20 के अनुसार, अजन्मा व्यक्ति अपने फायदे के लिए किये गये अंतरण पर जन्म लेते ही निहित हित प्राप्त करता है।
प्रश्न 30: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत अजन्मा शिशु निहित हित प्राप्त करता है:
उत्तर: (a)
व्याख्या: धारा 20 के अनुसार, अजन्मा शिशु जन्म लेते ही निहित हित प्राप्त करता है।
व्याख्या: धारा 20 के अनुसार, अजन्मा शिशु जन्म लेते ही निहित हित प्राप्त करता है।
प्रश्न 31: 'अ' अपनी सम्पत्ति जीवन पर्यन्त के लिये 'ब' को और उसके बाद उसके अजन्मे पुत्र को जीवन पर्यन्त के लिये अन्तरित करता है। इस मामले में अजात व्यक्ति के पक्ष में किया गया अन्तरण:
उत्तर: (d)
व्याख्या: चूंकि अजन्मे को पूर्ण जीवन हित नहीं दिया गया, यह धारा 13 का उल्लंघन है, इसलिए अंतरण शून्य है।
व्याख्या: चूंकि अजन्मे को पूर्ण जीवन हित नहीं दिया गया, यह धारा 13 का उल्लंघन है, इसलिए अंतरण शून्य है।
प्रश्न 32: 'दोहरी संभावना के विरुद्ध नियम' को किस वाद में मान्यता मिली?
उत्तर: (b)
व्याख्या: "Whiteby v. Mitchell, 1890" के वाद में दोहरी संभावना के विरुद्ध नियम को मान्यता मिली।
व्याख्या: "Whiteby v. Mitchell, 1890" के वाद में दोहरी संभावना के विरुद्ध नियम को मान्यता मिली।
प्रश्न 33: दो भाई अपनी सम्पत्ति का बंटवारा इस शर्त पर करते हैं कि यदि उनमें से कोई भी अपनी सम्पत्ति या उसका हिस्सा विक्रय करना चाहे तो अत्यंत अपरिचित व्यक्ति को नहीं बेचेगा।
उत्तर: (a)
व्याख्या: यह शर्त सम्पत्ति अंतरण पर आत्यंतिक प्रतिबंध नहीं लगाती, इसलिए वैध है।
व्याख्या: यह शर्त सम्पत्ति अंतरण पर आत्यंतिक प्रतिबंध नहीं लगाती, इसलिए वैध है।
प्रश्न 34: तीन भाइयों के संयुक्त हिन्दू परिवार की सम्पत्ति में बंटवारे के साथ यह शर्त जोड़ी गई कि यदि उत्तराधिकारी न हों, तो वह विक्रय न कर सकेगा, केवल अन्य रिश्तेदारों को दे सकेगा। यह शर्त:
उत्तर: (a)
व्याख्या: सम्पत्ति पर पूर्ण अवरोध की शर्त धारा 10 के अंतर्गत अवैध होती है।
व्याख्या: सम्पत्ति पर पूर्ण अवरोध की शर्त धारा 10 के अंतर्गत अवैध होती है।
प्रश्न 35: रामगोपाल ने अपनी पत्नी के नाम सम्पत्ति अंतरण की और शर्त रखी कि यह सम्पत्ति उसके जीवनकाल तक रहेगी। पत्नी के पुनर्विवाह पर स्थिति?
उत्तर: (b)
व्याख्या: धारा 10 के अपवाद (2) के अनुसार पुनर्विवाह पर स्त्री का सम्पत्ति में हित समाप्त हो जाता है।
व्याख्या: धारा 10 के अपवाद (2) के अनुसार पुनर्विवाह पर स्त्री का सम्पत्ति में हित समाप्त हो जाता है।
प्रश्न 36: 'क' अपनी कृषि भूमि 'ख' को बेचता है इस शर्त पर कि 'ख' केवल गेहूं बो सकता है, धान नहीं।
उत्तर: (d)
व्याख्या: सम्पत्ति अन्तरण वैध रहेगा लेकिन अवैध शर्त शून्य मानी जाएगी।
व्याख्या: सम्पत्ति अन्तरण वैध रहेगा लेकिन अवैध शर्त शून्य मानी जाएगी।
प्रश्न 37: सम्पत्ति को व्ययनित करने से अवरुद्ध करने वाली शर्तें दी गई हैं-
उत्तर: (b)
व्याख्या: सम्पत्ति को व्ययनित करने से अवरुद्ध करने वाली शर्तें धारा 10 में दी गई हैं। ऐसी शर्तें यदि आत्यन्तिक रूप से प्रतिबंध लगाती हैं तो शून्य होती हैं।
व्याख्या: सम्पत्ति को व्ययनित करने से अवरुद्ध करने वाली शर्तें धारा 10 में दी गई हैं। ऐसी शर्तें यदि आत्यन्तिक रूप से प्रतिबंध लगाती हैं तो शून्य होती हैं।
प्रश्न 38: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 10 के अन्तर्गत अन्य-संक्रमण अवरुद्ध करने वाली शर्त:
उत्तर: (b)
व्याख्या: धारा 10 के अनुसार, केवल शर्त अवैध होगी, अन्तरण वैध रहेगा।
व्याख्या: धारा 10 के अनुसार, केवल शर्त अवैध होगी, अन्तरण वैध रहेगा।
प्रश्न 39: सृष्ट हित के विरुद्ध निर्बन्धन पर अग्रनिर्णय है:
उत्तर: (b)
व्याख्या: टल्क बनाम मोक्से का वाद धारा 11 से संबंधित अग्रनिर्णय है जिसमें सृष्ट हित पर लगाए गए सीमित प्रतिबंधों को वैध माना गया।
व्याख्या: टल्क बनाम मोक्से का वाद धारा 11 से संबंधित अग्रनिर्णय है जिसमें सृष्ट हित पर लगाए गए सीमित प्रतिबंधों को वैध माना गया।
प्रश्न 40: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 11 तब ही लागू होगी जब सम्पत्ति में अन्तरित हित:
उत्तर: (b)
व्याख्या: धारा 11 तभी लागू होगी जब सम्पत्ति में हित पूर्ण या आत्यन्तिक हो।
व्याख्या: धारा 11 तभी लागू होगी जब सम्पत्ति में हित पूर्ण या आत्यन्तिक हो।
प्रश्न 41: शाश्वतता के विरुद्ध नियम सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की किस धारा में उपबंधित है?
उत्तर: (c)
व्याख्या: धारा 14 में शाश्वतता के विरुद्ध नियम समाहित है जिसका उद्देश्य सम्पत्ति के अनन्तकालीन रोके जाने को रोकना है।
व्याख्या: धारा 14 में शाश्वतता के विरुद्ध नियम समाहित है जिसका उद्देश्य सम्पत्ति के अनन्तकालीन रोके जाने को रोकना है।
प्रश्न 42: शाश्वतता के विरुद्ध नियम का अपवाद निम्नलिखित में से कौन-सा है?
उत्तर: (d)
व्याख्या: शाश्वतता के नियम में कई अपवाद हैं जैसे – लोकहित हेतु दान, शुफा, व्यक्तिगत संविदाएँ आदि।
व्याख्या: शाश्वतता के नियम में कई अपवाद हैं जैसे – लोकहित हेतु दान, शुफा, व्यक्तिगत संविदाएँ आदि।
प्रश्न 43: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 14 सम्बन्धित है:
उत्तर: (a)
व्याख्या: धारा 14 शाश्वतता के विरुद्ध नियम से संबंधित है जो अनावश्यक प्रतिबंधों को रोकता है।
व्याख्या: धारा 14 शाश्वतता के विरुद्ध नियम से संबंधित है जो अनावश्यक प्रतिबंधों को रोकता है।
प्रश्न 44: सम्पत्ति सम्बन्धी वाद के लंबित रहते हुये सम्पत्ति का अन्तरण होगा:
उत्तर: (b)
व्याख्या: धारा 52 के अनुसार, लिस पेन्डेंस के दौरान किया गया अन्तरण कोर्ट की डिक्री/आदेश से प्रभावित होता है।
व्याख्या: धारा 52 के अनुसार, लिस पेन्डेंस के दौरान किया गया अन्तरण कोर्ट की डिक्री/आदेश से प्रभावित होता है।
प्रश्न 45: लिस पेन्डेंस का शाब्दिक अर्थ है:
उत्तर: (a)
व्याख्या: लिस पेन्डेंस का तात्पर्य न्यायालय में कोई वाद लंबित होना है, जिससे सम्पत्ति के अन्तरण पर प्रभाव पड़ता है।
व्याख्या: लिस पेन्डेंस का तात्पर्य न्यायालय में कोई वाद लंबित होना है, जिससे सम्पत्ति के अन्तरण पर प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 46: निम्न में से कौन शाश्वतता के नियम का पद नहीं है?
उत्तर: (d)
व्याख्या: शाश्वतता के नियम का उद्देश्य अनावश्यक पीढ़ी दर पीढ़ी बंधन को समाप्त करना है, अतः (d) विकल्प इसका पद नहीं है।
व्याख्या: शाश्वतता के नियम का उद्देश्य अनावश्यक पीढ़ी दर पीढ़ी बंधन को समाप्त करना है, अतः (d) विकल्प इसका पद नहीं है।
प्रश्न 47: विचाराधीनवाद का सिद्धांत लागू होता है, जब:
उत्तर: (b)
व्याख्या: धारा 52 के अनुसार, विचाराधीनवाद का सिद्धांत वाद लंबित रहते हुए सम्पत्ति के अन्तरण को प्रभावित करता है।
व्याख्या: धारा 52 के अनुसार, विचाराधीनवाद का सिद्धांत वाद लंबित रहते हुए सम्पत्ति के अन्तरण को प्रभावित करता है।
प्रश्न 48: "लंबित वाद का सिद्धांत" किस प्रसिद्ध वाद में व्याख्यायित किया गया ?
उत्तर: (a)
व्याख्या: बेलामी बनाम सेबाइन (1857) में लंबित वाद के सिद्धांत को स्पष्ट किया गया।
व्याख्या: बेलामी बनाम सेबाइन (1857) में लंबित वाद के सिद्धांत को स्पष्ट किया गया।
प्रश्न 49: लम्बित वाद का सिद्धान्त का नियम तब लागू होता है जब:
उत्तर: (b)
व्याख्या: यह स्थिति धारा 52 TPA की शर्तों को पूर्ण करती है।
व्याख्या: यह स्थिति धारा 52 TPA की शर्तों को पूर्ण करती है।
प्रश्न 50: "विचाराधीन वाद का सिद्धान्त" कौन से संव्यवहार को लागू नहीं होता है:
उत्तर: (a)
प्रश्न 51: बेलामी बनाम सेबाइन वाद का सम्बन्ध किस सिद्धान्त से है?
उत्तर: (c)
प्रश्न 52: विचाराधीन वाद के सिद्धांत की प्रयोज्यता हेतु सम्पत्ति होगी:
उत्तर: (b)
प्रश्न 53: लम्बित वाद का सिद्धांत आधारित है:
उत्तर: (a)
प्रश्न 54: Section 52 of Transfer of Property Act, 1882 imposes prohibition during pendency of a suit. The statement is:
उत्तर: (b)
प्रश्न 55: संविदा के विनिर्दिष्ट अनुपालन के ऐसे वाद पर जो अचल सम्पत्ति से संबंधित है, “वाद लंबन” का नियम लागू होगा:
उत्तर: (b)
प्रश्न 56: शाश्वतता के विरुद्ध नियम नहीं लागू होगा यदि:
उत्तर: (a)
प्रश्न 57: शाश्वतता के विरुद्ध नियम लागू नहीं होगा:
उत्तर: (d)
प्रश्न 58: अम्बाराम और फतेहवीर बहादुर ने संविदा किया कि अम्बाराम और उसके वंशज फतेहवीर बहादुर तथा उसके परिवार वालों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी मंदिर का पुजारी नियुक्त करेंगे। निर्णय करें:
उत्तर: (c)
प्रश्न 59: कथन (A): धारा 14 शाश्वतता के विरुद्ध नियम का उपबंध करती है।
कथन (R): यह नियम लोक नीति पर आधारित है।
कथन (R): यह नियम लोक नीति पर आधारित है।
उत्तर: (a)
प्रश्न 60: निम्न में से कौन सा हित अन्तरणीय नहीं है?
उत्तर: (b)
प्रश्न 61: 'ख' को 'क' खेत का पट्टा इस शर्त पर देता है कि वह एक घण्टे में 100 मील पैदल चले:
उत्तर: (a)
व्याख्या: धारा 25 के अनुसार यदि शर्त असंभव हो तो अंतरण शून्य होता है।
व्याख्या: धारा 25 के अनुसार यदि शर्त असंभव हो तो अंतरण शून्य होता है।
प्रश्न 62: 'अ' 'ब' को खेत का एक पट्टा इस शर्त पर देता है कि 'ब' एक घण्टे में 100 मील चले। पट्टा:
उत्तर: (b)
व्याख्या: शर्त असंभव है, अतः धारा 25 के अनुसार अंतरण शून्य है।
व्याख्या: शर्त असंभव है, अतः धारा 25 के अनुसार अंतरण शून्य है।
प्रश्न 63: निम्नलिखित में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
उत्तर: (a)
व्याख्या: सशर्त अंतरण का उल्लेख धारा 25 में है, न कि धारा 24 में।
व्याख्या: सशर्त अंतरण का उल्लेख धारा 25 में है, न कि धारा 24 में।
प्रश्न 64: संपत्ति अंतरण अधिनियम की किन धाराओं से स्पष्ट है कि 'विधि हित के निहित होने के पक्ष में है' तथा 'हित के निर्निहित होने के विरोध में'?
उत्तर: (d)
व्याख्या: धारा 28 और 29 इस सिद्धांत को पुष्ट करती हैं।
व्याख्या: धारा 28 और 29 इस सिद्धांत को पुष्ट करती हैं।
प्रश्न 65: 'अ' इस शर्त पर कि 'अ' की मृत्यु के पश्चात् 'ब' तीन माह के भीतर अमुक पट्टा निष्पादित कर देगा, 'ब' को और यदि वह ऐसा न करे तो 'स' को 5000 रु. अंतरित करता है। 'ब' की 'अ' के जीवन काल में मृत्यु हो जाती है। धारा:
उत्तर: (d)
व्याख्या: धारा 27 के अनुसार यह अंतरण वैध है और 'स' को अधिकार प्राप्त होता है।
व्याख्या: धारा 27 के अनुसार यह अंतरण वैध है और 'स' को अधिकार प्राप्त होता है।
प्रश्न 66: A अपने भतीजी B को 5,000 रु. इस शर्त पर अंतरण करता है कि वह अपने पति का परित्याग कर दे। यह अंतरण:
उत्तर: (b)
व्याख्या: यह शर्त समाज और नैतिकता के विरुद्ध है, अतः धारा 25 के अनुसार शून्य है।
व्याख्या: यह शर्त समाज और नैतिकता के विरुद्ध है, अतः धारा 25 के अनुसार शून्य है।
प्रश्न 67: 'क' 'ख' को 500 रु. इस शर्त पर देता है कि 'ख' 'क' की पुत्री 'ग' से विवाह करेगा। अंतरण के दिन 'ग' की मृत्यु हो जाती है। यह अंतरण शून्य है:
उत्तर: (a)
प्रश्न 68: संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 25 में वर्णित है:
उत्तर: (d)
प्रश्न 69: X इस शर्त पर Y को 5000 रु. अंतरण करता है कि वह A, B और C की सम्मति से विवाह करेगा। Y ने बिना सम्मति विवाह कर लिया। अंतरण की शर्त:
उत्तर: (b)
प्रश्न 70: 'अ' 5000 रु. 'ब' को इस शर्त पर अंतरित करता है कि वह 'स', 'द', और 'ई' की सम्मति से विवाह करेगा। 'ई' की मृत्यु हो जाती है, फिर भी 'ब' शेष दो की सम्मति से विवाह करता है। निर्णय करें:
उत्तर: (a)
प्रश्न 71: किसी पूर्ववर्ती शर्त पर निर्भर अंतरण की दशा में, अंतरण प्रभावी होता है जब शर्तों का:
उत्तर: (c)
प्रश्न 75: दो अधिकारों में से चुनना जहाँ यह स्पष्ट आशय हो कि दोनों उपभोग आशयित नहीं था, कहलाता है-
उत्तर: (b)
व्याख्या: दो अधिकारों में से चुनाव करना जहाँ दोनों का उपयोग आशयित नहीं था, उसे निर्वाचन का सिद्धांत कहते हैं।
उत्तर: (b)
व्याख्या: दो अधिकारों में से चुनाव करना जहाँ दोनों का उपयोग आशयित नहीं था, उसे निर्वाचन का सिद्धांत कहते हैं।
प्रश्न 76: चुनाव का सिद्धांत निम्न में से किस पर लागू होता है?
उत्तर: (d)
व्याख्या: निर्वाचन का सिद्धांत सभी धर्मों के लोगों पर लागू होता है।
उत्तर: (d)
व्याख्या: निर्वाचन का सिद्धांत सभी धर्मों के लोगों पर लागू होता है।
प्रश्न 77: निर्वाचन का सिद्धांत कब लागू नहीं होता?
उत्तर: (a)
व्याख्या: धारा 35 के अनुसार यदि एक वर्ष बीत जाने पर चयन नहीं किया गया तो सिद्धांत लागू नहीं होगा।
उत्तर: (a)
व्याख्या: धारा 35 के अनुसार यदि एक वर्ष बीत जाने पर चयन नहीं किया गया तो सिद्धांत लागू नहीं होगा।
प्रश्न 78: निर्वाचन के सिद्धांत का आवश्यक तत्व क्या है?
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 79: निर्वाचन का सिद्धांत सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की किस धारा में वर्णित है?
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
प्रश्न 80: 'अ' निर्वाचन करने के पहले मर जाता है। 'ब' किससे क्या प्राप्त करेगा?
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
प्रश्न 81: सम्पत्ति का स्वामी विसम्मत होने का निर्वाचन करता है, तो अन्तरिती प्रतिकर पाने का अधिकार कब रखता है?
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 82: 'अ' ने मकान 'ब' को बेचा, तो किराया किसे मिलेगा?
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
प्रश्न 83: निम्न में से कौन सा वाद आंशिक अनुपालन से संबंधित नहीं है?
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 84: रामकुमार कुण्डू बनाम मैकक्वीन वाद का संबंध किससे है?
उत्तर: (b)
उत्तर: (b)
प्रश्न 85: कौन सा एक सही सुमेलित नहीं है?
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 86: “धारा 41 विबन्ध विधि का सांविधिक प्रवर्तन है” — यह कथन:
उत्तर: (a)
उत्तर: (a)
प्रश्न 87: "एक व्यक्ति अपने से अच्छा स्वत्व दूसरे को अन्तरित नहीं कर सकता" यह धाराएँ?
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 89: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम के अन्तर्गत "निमो डेट क्योड नॉन हेवेट" का सिद्धांत लागू होता है-
उत्तर: (a)
उत्तर: (a)
प्रश्न 90: "एक व्यक्ति अपने से अच्छा स्वत्व अंतरित नहीं कर सकता है" - इस कथन के सूत्र के अपवाद सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की किस धारा में समाहित हैं?
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 91: "कोई व्यक्ति अपने से अच्छा स्वत्व अंतरित नहीं कर सकता।" इस कथन का अपवाद सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की किस धारा में समाहित है ?
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
प्रश्न 92: दृश्यमान स्वामी से संबंधित विधि के अन्तरण का कानून धारित किया गया है-
उत्तर: (b)
उत्तर: (b)
प्रश्न 93: 'अ' ने तीन खेत बेच दिये जिनमें एक 'ज्ञ' उसके पास नहीं था पर बाद में वारिस के रूप में मिल गया, 'स' ने विक्रय संविदा को विखण्डित नहीं किया तो:
उत्तर: (b)
उत्तर: (b)
प्रश्न 94: जहां अचल सम्पत्ति उसमें सुभिन्न हित रखने वाले व्यक्तियों द्वारा प्रतिफलार्थ अंतरित की जाती है, वहां वे अंतरक, जब सम्पत्ति में उनके हित बराबर मूल्य के हों, प्रतिफल में से:
उत्तर: (a)
उत्तर: (a)
प्रश्न 95: 'अ' का हिस्सा आधा, 'ब' और 'स' का चौथाई था, विनिमय के बाद लालपुर मौजे में 'ब' और 'स' प्रत्येक के हिस्से का निर्धारण करें:
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 96: 'अ' सद्भावपूर्वक 'ब' की भूमि पर फसल बो देता है और बेदखल किया जाता है, तो वह हकदार है:
उत्तर: (a)
उत्तर: (a)
प्रश्न 97: वह सिद्धांत, जिसके अनुसार अन्तरणकर्ता को पश्चातवर्ती सम्पत्ति को ऐसे अन्तरिती को परिवान करना आवश्यक है, जिसने मिथ्या व्यपदेशन पर कार्य किया, कहलाता है:
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
प्रश्न 98: जहाँ अन्तरण अप्राधिकृत व्यक्ति द्वारा किया जाना है, वहां निम्न में से कौन-सी शर्त आवश्यक नहीं है?
उत्तर: (b)
उत्तर: (b)
प्रश्न 99: 'अ' एक खेत 'ब' को किराए पर देता है और फिर उसे 'स' को बेच देता है, 'ब' किराया 'अ' को देता है, तो:
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
प्रश्न 100: कपटपूर्ण अंतरण की परिभाषा किस धारा में दी गई है?
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
प्रश्न 101: सम्पत्ति अंतरण अधिनियम की किस धारा में कपटपूर्ण अन्तरण की परिभाषा दी गई है ?
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
प्रश्न 102: कपटपूर्ण अंतरण का उपबन्ध है :
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 103: कपटपूर्ण अंतरण:
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 104: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम को कौन सी धारा कपटपूर्ण अन्तरण को वर्जित करती है?
उत्तर: (b)
उत्तर: (b)
प्रश्न 105: सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 53(क) का आवश्यक तत्व नहीं है:
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 106: निम्नलिखित में से कौन सा घटक आंशिक पालन के सिद्धांत के लिए जरुरी नहीं है?
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 107: संविदा के भागिक पालन के मामले में निम्न में से कौन सा घटक अनिवार्य है?
उत्तर: (d)
उत्तर: (d)
प्रश्न 108: "भागिक पालन" के मामले में अंतरिती के साथ क्या आवश्यक नहीं है?
उत्तर: (c)
उत्तर: (c)
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