How to prepare NTA-UGC NET? Best Tips
दोस्तों, आप लोगों को आज से अब यूजीसी नेट-जेआरएफ से संबंधित एक नोटस् रोज मिलेगा। इसे स्टडी करके आप जून में आयोजित हो रहे यूजीसी नेट की परीक्षा में सफल होवें और अपने सपने को पूरा करें।
क्या करें और क्या न करें?
यूजीसी द्वारा जारी सिलेबस के अनुसार सबसे पहले बेहतर नोट्स बनाये फिर इसका रिवीजन करें। दूसरे के नोट्स न तो रखें और न ही खरीदें। नोट्स का मतलब होता है बुकस् पढ़कर षार्ट में लिखना ताकि वह सभी बात समझ में आ जाए। परीक्षा के एक-दो पहले एक बार स्टडी करके माइंड को रिफ्रेश कर लें।
कितना घंटा स्टडी करेंः-
स्टडी का समय आपके पास उपलब्ध समय प्रबंधन पर निर्भर करता है, यदि आप गृहणी है तो सभी जिम्मेदारी को पूरा करने के बाद आपको जब समय मिले रोज 2-3 घंटा अवष्व पढ़े। यदि किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो कम से 6 माह का अंतराल जरूर रखें। यदि आपके पास 6 माह का समय है तो कृपया 2-3 घंटा पर्याप्त होता है। यदि 3 माह का समय है तो 4-6 घंटा समय देना पड़ेगा। यदि 1 माह है तो कम से कम 7-10 घंटे का समय देना चाहिए। क्योंकि सिलेबस के सभी टाॅपिक्स को ठीक से एक बार अध्ययन कर लें तभी परीक्षा का महत्व बढ़ जाता है।
कहां से नोट्स बनायेः-
नोट्स टेस्ट बुक से बनाना बेहतर माना जाता है। एक बुक से कुछ नहीं हो सकता बल्कि कम से कम तीन बुक्स से नोट्स बनाये तो और अच्छा होता है। नोट्स बनाते समय कुछ बातों को ध्यान रखना चाहिए। सामान्य बातों को माइंड में रखें और विषिश्ट बातों को नोट्स बनाये। यहीं है बेस्ट तरीका। जैसे उदाहरण के रूप में कह सकते है कि षिक्षण अभिवृत्ति की बात करें तो Teaching क्या है? ये सामान्य बात है लेकिन Teaching से संबंधित विद्वानों की परीभाशा विषिश्ट मानी जाती है, इसलिए इसका नोट्स बनाते है। जब भी किसी विद्वान की परीभाशा लिखें, तो उनके विषिश्ट बातों को सारांष में लिखना चाहि।
जैसे गेज के अनुसार-‘‘षिक्षण एक पारस्परिक प्रभाव है, जिसका उद्देष्य दूसरे व्यक्तियों के व्यवहारों में अपेक्षित परिवर्तन लाना है।’’
इसका सरांष में लिखना जरूरी है अन्यथा सभी के परिभाशा एक समान लगेगा। हम कैसे लिखें, यहां इसका उदाहरण बता रहे है, ध्यान से पढ़िए-
गेज विद्वान ने अपने परिभाशा में क्या कहा है-
1. षिक्षण एक पारस्परिक प्रभाव है- इसका मतलब यह है कि षिक्षक और छात्र दोनों एक-दूसरे के लिए कुछ न कुछ करते है, षिक्षक ज्ञान देता है और छात्र उस ज्ञान को ग्रहण करता है। षिक्षक ज्ञान इसलिए देता है क्योंकि छात्र से ज्यादा नाॅलेज रखता है, छात्र इसिलए ग्रहण करता है क्योंकि उस ज्ञान की कमी है। षिक्षक दाता है और छात्र ग्राही है।
2. षिक्षण का उद्देष्य दूसरे व्यक्तियों के व्यवहारों में अपेक्षित परिवर्तन लाना है, इसका मतलब यह है कि छात्र के कमी को पूरा करने का काम षिक्षक का है और छात्र के वर्तमान व्यवहार में परिवर्तन लाना है। जैसे कि न्यूटन के गुरूत्वाकर्शण बल के बारे में छात्र को जानकारी नहीं है, जबकि षिक्षक को पूर्ण जानकारी है। षिक्षक अपने अनुभवों से छात्र को सीखाने का प्रयास करता है। और छात्र सीखकर न्यूटन के गुरूत्वाकर्शण बल को दूसरे चीजों में अवलोकन करता है, यहीं है षिक्षण।
इस तरह से नोट बनायेंगे तो आप को जल्दी समझ में आएगा। मैं तो ऐसा ही पढ़ता हूॅ और क्लास में ऐसे ही पढ़ाता हूॅ, जिससे छात्रों को जल्दी से समझ में आ जाता है और प्रतियोगी परीक्षा में सफल भी होते है।
एक उदाहरण और लेते है ताकि आपको और भी ठीक से समझ में आ जाए।
एडमण्ड एमीडोन के अनुसार षिक्षण क्या है? इसको समझने की कोषिष करते है-
‘‘षिक्षण एक अन्तःक्रिया है जिसमें मुख्यतः कक्षा वार्ता होती है, जो षिक्षक एवं छात्रों के मध्य कुछ परिभाशित की जा सकने वाली क्रियाओं के माध्यम से घटित होती है।’’
विद्वान एडमण्ड क्या कहना चाहते है-
1. षिक्षण एक अन्तःक्रिया है- यानी षिक्षक और छात्रों के मध्य आन्तरिक भावों का आदान-प्रदान होता है। यूं भी कह सकते है कि षिक्षक और छात्रों में ज्ञान का आदान प्रदान होता है।
2. कक्ष वार्ता होती है- इसका अर्थ यह हुआ कि ज्ञान का आदान प्रदान कक्षा में षिक्षण विधियों के द्वारा होती है। जैसे प्रदर्षन षिक्षण विधि में षिक्षक कुछ बच्चों को दिखाता है और उसे देखकर कक्षा में छात्र सीखते है।
3. षिक्षक और छात्रों के मध्य कुछ परिभाशित की जा सकने वाली क्रियाअइों के माध्यम से घटित होती है- इसका भाव यह है कि षिक्षक जो प्रदर्षन कर समझा रहे है छात्र उसका अनुकरण कर कहां इसका प्रयोग किया जाता है और भविश्य में किया जाना है यह सुनिष्चित किया जाता है।
यदि मैं ऐसा पढ़ता हूॅ तो क्या मैं परीक्षा उत्तीर्ण कर सकता हूॅ?
देखिए, किसी चींज का कोई गारंटी नहीं है। हाॅ, ऐसा पढ़ते है तो हमारा बेस क्लियर हो रहा है, इस तरह का प्रष्न यदि आता है तो निष्चित ही सहीं उत्तर देने में सोहलियत होगा। सहीं उत्तर देते है तो आप पास होंगे। पास होंगे तो निष्चित ही आप अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे।
कब से प्रारंभ करू?
अभी से प्रारंभ कीजिए। प्रारंभ करने के लिए राषिफल देखने की कोई जरूरत नहीं है। कल करे सो आज कर...........। दोस्तों, एक बात जरूर कहना चाहता हूॅ, यदि आप अमल करना चाहते है तो आपके लिए भला होगा। षार्टकट मैथड का प्रयोग कभी न करें और अपने मेहनत पर भरोसा रखें। मेहनत का एक रूखा-सुखा रोटी भी छप्पन भोग से कम नहीं होता है। दोनों का उद्देष्य एक ही है पेट भरना। कौन क्या कहता है, कौन क्या करता है, इन सब उलझनों पर कभी न फंसे।
कहना आसान होता है, लेकिन अमल करना कठिन होता हैः-
बिल्कुल सहीं कह रहे है, मैं भी यहीं सोचता था। पुस्तक की एक लाईन व्याख्या कई पृश्ठों में होता है। लेकिन कठिन काम करने में मजा भी तो आता है। मन को संतुश्टि भी तो देता है। आसान काम तो सब्जी बेचने वाला भी कर लेता है, आप तो पढ़े-लिखे हो, क्या सब्जी बेचने वाले और आप में कोई अंतर नहीं है। कठिन काम करोंगे तो ही दुनिया आपका सलाम करेगा। आसान काम के लिए नाॅबेल अवार्ड नहीं मिलता है दोस्तों। सामान्य आदमी का अनुसरण कोई नहीं करता बल्कि जो कठिन परिश्रम करके मंजिल प्राप्त करते है उन्हीं का अनुसरण किया जाता है।
आपको यह आलेख पसंद आया हो तो जरूर कमेंट में लिखें। और आप के मन में भी कोई प्रष्न हो तो जरूर लिखकर बतायें ताकि हम उस पर भी आलेख लिखने की कोषिष करेंगे। आपको जो बाते बताये है वह ठीक लगा हो तो भी बताये।
अगला आलेख यूजीसी नेट के सिलेबस के अनुसार नोट्स बनाकर दिखाएगे ताकि आप नोट्स न बना सको तो हम आपको नोट्स बनाना सिखाएगें। ताकि नेस्ट नोट्स आपका हो।
डाॅ. वेणुधर रौतिया
सहायक प्राध्यापक (विधि)
12 Comments
नमस्ते सर, हमें संबंधित नोट्स/पीडीएफ कैसे प्राप्त होगा?
ReplyDeleteसूनी-सूनी साँस की सितार पर
ReplyDeleteगीले-गीले आँसुओं के तार पर
एक गीत सुन रही है ज़िन्दगी
एक गीत गा रही है ज़िन्दगी।
चढ़ रहा है सूर्य उधर, चाँद इधर ढल रहा
झर रही है रात यहाँ, प्रात वहाँ खिल रहा
जी रही है एक साँस, एक साँस मर रही
इसलिए मिलन-विरह-विहान में
इक दिया जला रही है ज़िन्दगी
इक दिया बुझा रही है ज़िन्दगी।
🌹🙋♂️जय हिंद गुरुजी 🙋♂️ 🌹
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
myself कुन्दन 🙋♂️
Deleteगुरुजी subscribe करने में problems हो रहा है!
मुझे मालूम नहीं subscribe हुआ या नहीं परंतु मै subscribe किया हूँ ✔️
mene bhi kr diya subscribe ..but notification kha ayega pta nhi chl rha
DeleteFollow kar dijiyega
Deleteसर जी मैने पिछली बार नेट पेपर 2 समाजशास्त्र के सभी टापिक के नोट्स बनाये थे शार्टकट तरीके से तथा सभी शार्टकट नोट्स याद भी कर लिये थे लेकिन परीक्षा में उस नोट्स से एक भी प्रश्न नही आया
ReplyDeleteतथा सर जी शार्टकट की कौन सी विधि अपनाकर नोट्स बनाये जो परीक्षा में याद रह सके और सबसे अधिक परेशानी लेखको की परिभाषा याद करने में होता है क्योकि सभी लेखको की परिभाषा याद तो की नही जा सकती लेकिन इन्हें शार्टकट से अपने अंदर रखा जा सकता है
तो इन परिभाषा ओ का शार्टकट कैसे बनायें
प्लीज सर जी
ये शार्टकट विधि जरूर बतायें
धन्यवाद
Thanks sir ji bahut help full hai
ReplyDeleteKoti koti pranam guru ji
ReplyDeleteGuru ji subscribe nhi ho rha
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद सर
ReplyDeleteआप ऐसे ही हम लोगों को मार्गदर्शन करते रहे
हम आगे बढ़ते रहेंगे
thank you sir..
ReplyDeleteThan u so much sir...
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